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बिहार में नई सरकार की गुत्थी: किस मंत्रालय पर अटका मामला? जानिए पूरी अंदरूनी कहानी

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पटना 
बिहार में नई सरकार बनने से पहले जेडीयू–बीजेपी गठबंधन में मंत्रिमंडल के स्वरूप और विभागों के बंटवारे को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। दिल्ली में जेडीयू नेताओं राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ करीब ढाई घंटे लंबी बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में मंत्रालयों के बंटवारे, विधानसभा अध्यक्ष पद और दोनों दलों की भूमिकाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।

गृह मंत्रालय पर अटका मामला
बीजेपी इस बार गृह मंत्रालय और शिक्षा विभाग अपने पास चाहती है और इसके बदले स्वास्थ्य व वित्त मंत्रालय छोड़ने के लिए तैयार है। जेडीयू शिक्षा विभाग छोड़ने पर सहमत दिख रही है, लेकिन गृह मंत्रालय को लेकर स्थिति जस की तस बनी हुई है।
साल 2005 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गृह मंत्रालय अपने पास रखते आए हैं। कानून-व्यवस्था, पुलिस प्रशासन और भ्रष्टाचार नियंत्रण पर सीधी पकड़ की वजह से वे इसे छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय को लेकर सहमति बनना अभी मुश्किल माना जा रहा है।

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विधानसभा अध्यक्ष पद पर बनी सहमति
विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर चली खींचतान अब खत्म हो गई है। बीजेपी के खाते में विधानसभा अध्यक्ष और जेडीयू के खाते में उपाध्यक्ष पद तय कर दिया गया है। इसके बाद मंत्रिमंडल की संभावित संरचना पर बातचीत और तेज हो गई है।

संभावित विभागीय बंटवारा
 
बीजेपी के खाते में संभावित प्रमुख विभाग:
राजस्व
सहकारिता
पशु एवं मत्स्य संसाधन
विधि
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण
उद्योग
पर्यटन
पथ निर्माण
(बीजेपी गृह और शिक्षा विभाग भी चाहती है; बदले में स्वास्थ्य और वित्त छोड़ने की पेशकश)

जेडीयू के खाते में संभावित प्रमुख विभाग:
कृषि
खान एवं भूतत्व
जल संसाधन
संसदीय कार्य
ऊर्जा
योजना एवं विकास
विज्ञान एवं प्रावैधिकी
तकनीकी शिक्षा
ग्रामीण विकास
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण

अंतिम सहमति का इंतजार
दोनों दलों के बीच कुल हिस्सेदारी लगभग तय मानी जा रही है। फिलहाल सबसे बड़ा मतभेद गृह मंत्रालय को लेकर है, जिसे नीतीश कुमार अपने पास रखने पर अडिग हैं। विधानसभा अध्यक्ष पद पर सहमति के बाद उम्मीद है कि आज देर रात एक और बैठक होगी, जिसमें सरकार की अंतिम रूपरेखा स्पष्ट होने की संभावना है।

 

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