उत्तर प्रदेश

अमेठी लोकसभा सीट समीकरण : स्मृति के सामने कौन राहुल या प्रियंका? क्या हैं सियासी अटकलें

अमेठी

1967 में गठित हुई अमेठी लोकसभा सीट से तीन चुनावों को छोड़कर लगातार कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। वर्तमान में लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से तीन (जगदीशपुर, तिलोई और सलोन) पर भाजपा का कब्जा है जबकि दो (गौरीगंज, अमेठी) सीटें सपा के पास है। कांग्रेस 2017 से ही यहां कोई विधानसभा सीट नहीं जीत सकी है। वर्तमान में स्मृति ईरानी यहां से सांसद हैं और वह लगातार क्षेत्र में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं। अब जबकि लोकसभा 2024 का चुनाव नजदीक है तो अमेठी के लोगों में यह सवाल है कि स्मृति ईरानी के सामने गांधी परिवार से राहुल गांधी या प्रियंका गांधी में से कौन मैदान में उतरेगा? वहीं एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस बार 4 दशक बाद गांधी परिवार का कोई सदस्य इस सीट से न लड़े। हालांकि यह देखना होगा कि आगे क्या होता है?

आपको बता दें कि 1977 में संजय गांधी के यहां से चुनाव लड़ने के बाद यह गांधी नेहरू परिवार के राजनैतिक वारिसों के 'पॉलिटिकल डेब्यू ' वाली सीट बन गई और देश दुनिया में इसकी पहचान गांधी नेहरू परिवार के गढ़ के रूप में होने लगी। हालांकि पहला चुनाव संजय गांधी हार गए लेकिन इसके बाद संजय गांधी, राजीव गांधी ,सोनिया गांधी और फिर राहुल गांधी अलग-अलग चुनाव में जीतकर लोकसभा पहुंचते रहे। लेकिन 2014 से शुरू हुई मोदी लहर के बाद इस सीट पर कांग्रेस की पकड़ लगातार कमजोर होती गई। नतीजा रहा कि 2019 के चुनाव में राहुल गांधी को भाजपा की स्मृति इरानी के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। इस जीत के बाद भाजपा लगातार अमेठी में अपनी जड़ें मजबूत करने में लगी है। 

Aakash

Back to top button