राजनीति

गठबंधन से पहले राजभर ने अमित शाह के सामने रखी शर्त, मांगीं तीन सीटें, एक पर बात बन गई

नई दिल्ली

करीब छह महीने से सुभासपा-भाजपा के गठबंधन को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे उन पर अब विराम लग चुका है। सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद सारे सस्पेंस खत्म कर दिए हैं। ओम प्रकाश राजभर अपने बेटे अरुण राजभर गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। एनडीए का हिस्सा बनने से पहले ओम प्रकाश राजभर ने गृहमंत्री के सामने तीन शर्तें भी रखीं। ये तीन शर्तें पूर्वांचल की तीन सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार तीन में से एक सीट पर बात भी बन गई है, जिस पर वह अपने छोटे बेटे अरुण राजभर को चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं।

समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद से ही ओम प्रकाश राजभर दूसरे दलों के साथ गठबंधन को लेकर रास्ता खोज रहे थे। गठबंधन को लेकर राजभर ने पहले बसपा से संपर्क साधा लेकिन मायावती ने राजभर के लिए बसपा का दरवाजा ही नहीं खोला। इसके अलावा राजभर ने छोटे-छोटे दलों से भी गठबंधन किया। छह महीने पहले ही राजभर का मूड बदला और भाजपा के साथ जाने का मन बनाया। राजभर कई दिनों से भाजपा में जाने को लेकर हाथ-पांव मार रहे थे लेकिन उन्हें सही समय का इंतजार था। पिछले दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से हुई मुलाकात के बाद राजभर ने गठबंधन को लेकर तारीख तय कर दी थी, हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया था कि गठबंधन किससे होगा।

शनिवार को राजभर बेटे अरुण के साथ जब दिल्ली में अमित शाह से मिलने पहुंचे तो गठबंधन की बात भी साफ हो गई। राजभर ने शाह से करीब एक घंटे तक बात की। राजभर ने शाह से पूर्वांचल की गाजीपुर, आजमगढ़ और चंदौली सीट मांगी। राजभर और अमित शाह के बीच गाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर बात भी बन गई है। राजभर इस सीट से छोटे बेटे अरुण राजभर को लोकसभा का चुनाव लड़ाएंगे। इसको लेकर उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं दूसरी ओर एनडीए में शामिल हुए राजभर को एक बार फिर योगी सरकार मंत्री पद दे सकती है।

 

Aakash

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