मध्यप्रदेश

फैकल्टी और इन्फ्रास्ट्रक्च की कमी, नियमित कक्षाएं नहीं लग रहीं

भोपाल
तकनीकी शिक्षा विभाग (डीटीई) द्वारा 20 कोर्सों की 2.47 लाख सीटों पर एडमिशन के लिए कराई गई काउंसलिंग में चार दिन का अतिरिक्त सीएलसी राउंड चलाया गया। इसमें इंजीनियरिंग में मात्र 710 एडमिशन हुए हैं। इस तरह इंजीनियरिंग की सभी ब्रांचों में कुल 40,424 एडमिशन हुए हैं।  करीब 30 हजार सीटें खाली रह गई हैं। सभी कोर्सों में करीब 1.45 लाख एडमिशन हुए हैं, जबकि करीब 1.02 सीटें खाली हैं। हालांकि बीई में पिछले वर्ष की अपेक्षा 3 हजार अधिक एडमिशन हुए हैं। पिछले साल बीई में 37,886 एडमिशन हुए थे।

डीटीई द्वारा 17  से 20 अक्टूबर तक चार दिन का स्पेशल राउंड चलाया गया था। लेकिन इसमें कोई खास एडमिशन नहीं हो पाए हैं। स्थिति यह है कि बीई में एक हजार का आंकड़ा भी पार नहीं हुआ है। सभी कोर्सों में इस राउंड में मात्र 5391 एडमिशन हुए हैं। इस राउंड में एमबीए में सर्वाधिक 2900 एडमिशन हुए हैं। ज्ञात हो कि विभाग ने इससे पहले 30 जून से काउंसलिंग शुरू की थी। दो मुख्य राउंड के साथ एक सीएलसी राउंड चलाया गया। शिक्षाविदों का मानना है कि प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में मान्यता के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। कॉलेजों द्वारा जिन सुविधाओं के नाम पर फीस कमेटी से फीस बढ़वाई जाती है, वह सुविधाएं स्टूडेंट्स को नहीं मिलतीं। फैकल्टी और इन्फ्रास्ट्रक्च की कमी है। इसके चलते नियमित कक्षाएं नहीं लग रहीं। कंपनियों की रिक्वायरमेंट के मुताबिक सिलेबस नहीं हैं। यही कारण है कि स्टूडेंट्स का इंजीनियरिंग के प्रति मोहभंग हो रहा है।

एमबीए की 29 हजार से अधिक सीटें खालीं
मप्र में एमबीए की 67,946 सीटे हैं। इनमें से 40]325 सीटों पर एडमिशन हुए हैं। 27,621 सीटें खाली हैं। क्वालिफाइंग राउंड में 16,833 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। इधर, बी-डी फामेर्सी की कुल 26,540 सीटों में करीब 21,153 एडमिशन हुए हैं। इसमें करीब 5 हजार सीटें खाली हैं।

फैक्ट फाइल
मुख्य कोर्सों में एडमिशन की स्थिति..
कोस सीटें प्रवेश
इंजीनियरिंग 69,966 40,424
डिप्लोमा इंजी. 26,003 19,416
बी-डी फार्मा 26,540 21,153
एलटी बीई-बीफार्मा 24,068 10,841
एमबीए 67,946 40,325
एमसीए 5,245 3,954
एमटेक 8,648 3,600
एम फार्मा 1642 1492
एलटी आईटीआई 7,674 2,489

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