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सनस्क्रीन का शिशु की त्वचा पर प्रभाव: क्या यह सुरक्षित है?

गर्मियों में सनस्क्रीन लगाने की सलाह हर कोई देता है। यह हमारी स्किन के लिए एक परत की तरह काम करती है और हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है। मार्केट में बड़ों के साथ-साथ अब बच्चों के लिए भी सनस्क्रीन मौजूद हैं। पर क्‍या बच्‍चों को सनस्क्रीन लगाना चाहिए?

​FDA 6 महीने से कम उम्र के बच्चों को सनस्क्रीन लगाने की सलाह नहीं देती। संस्था के अनुसार, सनस्क्रीन के बजाय बच्चों को सीधी धूप से बचाना ज्यादा अच्छा है। हालांकि, बच्चा अगर 6 महीने से ज्यादा उम्र का है, तो सनस्क्रीन लगा सकते हैं। वो भी सिर्फ मिनरल बेस्ड सनस्‍क्रीन। स्किन केयर एक्सपर्ट दिवास गुप्ता ने माइक मेजिक पॉडकास्ट में छोटे बच्चों के लिए मिनरल बेस्ड स्‍क्रीन के बारे में बताया है, और इससे जुड़ी अहम जानकारी दी।

बच्चों की त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना चाहिए या नहीं?

एक्‍सपर्ट दिवास गुप्ता बताती हैं कि आजकल लोग अपने बच्चों के लिए ऑर्गेनिक सनस्क्रीन खरीद रहे हैं। उनका मानना है कि यह ऑर्गेनिक है, तो नेचुरल है और सेफ भी। पर ऐसा नहीं है। ऑर्गेनिक नेचर में केमिकल ही है। इसलिए जिस सनस्क्रीन पर ऑर्गेनिक लिखा हो, उसे कभी भी यूज नहीं करना चाहिए। स्टैंडर्ड के मुताबिक, वो एक तरह का केमिकल सनस्क्रीन ही है।

6 माह से बड़े बच्चों को कौन सी सनस्क्रीन लगा सकते?

एक्सपर्ट बताती हैं कि बच्‍चों के लिए इनऑर्गेनिक या फिर मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन का उपयोग बेहतर है। ये केमिकल फ्री होते हैं। जिस सनस्क्रीन पर जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम डाइऑक्साइड या फिर आयरन ऑक्साइड का लेबल हो, वही सनस्क्रीन खरीदें।

मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन प्रेग्नेंट महिला के लिए भी फायदेमंद

मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन छोटे बच्‍चों के अलावा प्रेग्‍नेंट महिलाओं के लिए भी फायदेमंद मानी जाती हैं। कई महिलाएं प्रेग्नेंसी में केमिकल अब्सॉर्ब नहीं करना चाहतीं, या फिर जिन्‍हें केमिकल से एलर्जी है। उन सबके लिए इनऑर्गेनिक और मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन बेस्‍ट ऑप्‍शन हैं

छोटे बच्चों को धूप से बचाने के कई अन्य तरीके हैं

-बच्चों को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक सीधी धूप से बचाएं।
– बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जो उन्‍हें धूप से बचाए रखते हों।
– अपने बच्चे को चौड़ी किनारी वाली टोपी पहनाएं।
– आंखों की सुरक्षा के लिए अपने बच्चे को धूप का चश्मा पहनाएं।

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