उत्तर प्रदेश

सेना में भर्ती होना चाह रही बेटियों के लिए खुशखबरी, वृंदावन में खुलेगा UP का पहला महिला सैन्‍य स्‍कूल

वृंदावन
भारतीय सेनाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सैन्य स्कूलों की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। देश में अभी तक पांच महिला सैन्य स्कूल थे, जिनमें छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है। अब छठवां स्कूल वृंदावन में खुलने जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश का पहला सैन्य स्कूल होगा जहां सिर्फ लड़कियों को प्रवेश दिया जाएगा।

वात्सल्य ग्राम स्थित समविद गुरुकुलम में पढ़ाई के साथ सैन्य प्रशिक्षण भी मिलेगा। जिसके बाद लड़कियों का सेना में जाने का रास्ता सुगम होगा। गुरुकुलम द्वारा वर्ष 2020 में स्कूल को सैनिक स्कूल में परिवर्तित करने के उद्देश्य से आवेदन किया गया था। रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल सोसायटी से सभी मानकों यथा अनुशासन, शिक्षण पद्धति, कार्य प्रणाली आदि विषयों पर खरा उतरने के बाद मान्यता दी गई है। शुक्रवार को इस संबंध में गुरुकुलम को फैक्स प्राप्त हो गया।

गुरुकुलम में पूर्व से ही एनडीए के लिए छात्राओं को तैयार किया जाता है। इसके अलावा मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी क्लासरूम इंटीग्रेटेड कार्यक्रम के तहत कोचिंग दी जाती है। वात्सल्य ग्राम की अधिष्ठात्री साध्वी ऋतम्भरा ने मान्यता मिलने पर खुशी जाहिर की और कहा कि बेटियां अब न सिर्फ शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट होंगी बल्कि राष्ट्रभक्ति और विशिष्टता के साथ देश की सेवा कर सकेंगी।

बता दें कि देश में सैन्य स्कूलों की संख्या 40 से अधिक है, लेकिन महिला सैन्य स्कूल सिर्फ पांच हैं, जहां छात्राओं को प्रवेश मिलता है। जिनमें आंध्र प्रदेश के कालीकिरी, कर्नाटक के कोडागु और बीजापुर, उत्तराखंड के घोराकल, महाराष्ट्र के चंद्रपुर का स्कूल शामिल है। वहीं, उत्तर प्रदेश में चार सैनिक स्कूल हैं जिनमें छात्रों को प्रवेश मिलता है। इनमें रक्षा मंत्रालय द्वारा अमेठी, झांसी, मैनपुरी तथा प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ स्थित स्कूल का संचालन किया जाता है।

पीपीपी पर खोले जाएंगे सैन्य स्कूल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर मंडल पर एक सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की थी। रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा था, जिस पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त, निजी या गैर सरकारी संगठन के संचालित स्कूलों को सैनिक स्कूल में परिवर्तित करने या नए स्थापित करने पर सहमति दी थी।

 

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