छत्तीसगढ़

मोटीवेशनल शाम में दी गई अपने दिमाग को कैसे प्रशिक्षित करें जिससे जीवन में स्थिरता आ सके

रायपुर

चेंबर भवन में आयोजित मोटीवेशनल शाम कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को मन की एकाग्रता, स्वयं पर नियंत्रण, आत्म विश्वास बनाए रखना एवं अपने दिमाग को कैसे प्रशिक्षित करें जिससे जीवन में स्थिरता आ सके और बड़े से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें आदि के बारे में जानकारी दी गई। मुख्य वक्ता विख्यात मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. अदिति सिंघल, छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी एवं श्रीमती दीप्ति प्रमोद दुबे प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

चेंबर अध्यक्ष पारवानी ने कहा कि आज सामाजिक, व्यापारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए व्यक्ति खुद की उम्मीदों पे खरा उतर नही पाता जिससे उसका मनोबल टूटता है और वे खुद को कमतर सोचने लगते हैं जिनमे इस तरह के मोटिवेशनल कार्यक्रम से नई ऊर्जा का संचार किया जा सकता है। डॉ. अदिति सिंघल ने कहा कि लोगों को आज कल सभी चीजें जल्द और आसानी से चाहिए होते हैं और जब ऐसा नहीं होता तब वे बहुत ही परेशान होने लगते हैं, जीवन बोझ की तरह लगने लगती है और वे अपना आत्मविश्वास खोने लगते हैं जो बड़ी ही गंभीर समस्या है।

डॉ. सिंघल आगे बताती है कि कैसे हम छोटे-छोटे सुधार करके खुद को और अपने जीवन को बेहतर बना सकते है। जैसे हम कैसे अपने माइंड को ट्रेन कर सकते हैं। आपकी उम्र क्या है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, जिंदगी में ऐसा बहुत बार होता है, जब आप अपनी स्मृति की कमी की वजह से, खुद को दूसरों से कम समझने लगते हैं। आत्मविश्वास को हमेशा बनाए रखना चाहिए ये हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी साबित होती है। आत्मविश्वास मनुष्य के अंदर ही समाहित होता है। बस जरूरत है अपने अंदर की आंतरिक शक्तियों को इकट्ठा कर अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने की। जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास उतना ही आवश्यक है, जितना मनुष्य के लिए ऑक्सीजन और पानी।

दुनिया का सबसे कठिन कार्य होता है अपने मन पर काबू पाना। अपने मन पर काबू पाने के लिए, सबसे पहले उन व्यवहारों पर आत्म-नियंत्रण करना, जिन्हें आप बदलना चाहते हैं, सबसे ज्यादा जरूरी है। यहाँ पर ऐसी बहुत सारी ट्रिक्स हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने मन और व्यवहार को पूरी तरह से बदल सकते हैं। स्वयं को कभी भी दूसरों के साथ तुलना नहीं करनी चाहिए प्रत्येक व्यक्ति का एक अलग गुण होता है तो खुद को पहले परखें, अंतमुर्खी बने और खुद को जानने की कोशिश करें। खुद को मेडिटेड करें, मेडिटेशन के लिए कोई एकांत वातावरण, ग्रीनरी या बाहर जाने की कोई आव्यश्यकता नहीं होती।

आज हम खुद को जिन्दगी में इतना झोंक दिए है की समय का पता ही नहीं चलता, एक ही समय में सभी काम करने की जो लोगों में लत लगी हुई है वो बड़ी ही हानिकारक है इससे कोई भी काम परफेक्ट तरीके से नहीं हो पाता इसलिए एक समय में एक ही काम को बड़ी निपुणता से करना ही समझदारी है अत: लोगो को हमेशा मल्टीटास्किंग बनने की आदत छोड़ देना चाहिए।

Aakash

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