छत्तीसगढ़

CG में संविदा कर्मियों का सामूहिक इस्तीफे से शासन और भी हुआ सख्त

 रायपुर .

 नवा रायपुर के तूता में कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया। इस बीच 28 जिलों में संविदाकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वाले इन कर्मचारियों की संख्या करीब 45 हजार है। अनियमित कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास घेरने जा रहे थे। नवा रायपुर में पुलिस ने इन्हें रोका, इसके बाद पुलिस के साथ कर्मचारियों की काफी देर तक धक्का-मुक्की होती रही।शासन ने संविदा कर्मियों पर सख्ती की तैयारी कर ली है। ब्रेक इन सर्विस और बर्खास्तगी के संकेत दिए हैं। गौरतलब है राज्य भर के 45 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी तीन जुलाई से हड़ताल हैं। जिलों में आंदोलन करने के बाद अब प्रदेश स्तर पर 10 जुलाई से कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच राज्य सरकार ने एस्मा लगाया, फिर भी वे हड़ताल पर डटे हुए हैं।

अनियमित कर्मचारी मोर्चा के कर्मचारी सड़क पर उतर गए। ज्ञापन की प्रतियां जला दीं। मौके पर पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि, भाजपा संविदा,अनियमित, दैनिक वेतन भोगी और अन्य प्रकार के अस्थाई कर्मचारियों की मांग को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी और सरकार बनते ही भाजपा अपना वादा पूरा करेगी।

अरुण साव के साथ प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी, विजय शर्मा और केदार कश्यप सहित भाजपा नेताओं के साथ शुक्रवार को सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैन रतले तूता में आंदोलित कर्मचारियों से आंदोलन स्थल पर पहुंचकर अपना पूरा समर्थन दिया और उन्हें विश्वास दिलाया कि भाजपा की सरकार बनते ही कर्मचारियों की न्यायसंगत मांगें पूरी की जाएंगीं।

मिली जानकारी के अनुसार 28 जिलों में कर्मचारियों ने अपने इस्तीफे अलग-अलग जिलों में जिला प्रशासन को सौंप दिए हैं। इसके बाद अब 15 जुलाई को रायपुर के तूता धरना स्थल में इस्तीफे का बंडल सरकार को सौंप दिए जाएंगे, कर्मचारी लगातार वादाखिलाफी सहते आ रहे हैं। हमारी प्रमुख मांग नियमितीकरण है, जिसका वादा चुनाव से पहले सरकार ने किया था।

अरुण साव ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, धूप, गर्मी, ऊमस और बारिश के बावजूद अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे कर्मचारियों के हजारों परिवार की चिंता करने के बजाय प्रदेश के कांग्रेस नेता एक खानदान, एक परिवार की सेवा-चाकरी और चिंता कर रहे हैं। कांग्रेस ने अपने पिछले चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आते ही 10 दिन में संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाएगा, लेकिन सरकार वादा पूरा करने में टाल-मटोल करती रही। बहानेबाजी करती रही।

 मिली जानकारी के अनुसार 28 जिलों में कर्मचारियों ने अपने इस्तीफे अलग-अलग जिलों में जिला प्रशासन को सौंप दिए हैं। इसके बाद अब 15 जुलाई को रायपुर के तूता धरना स्थल में इस्तीफे का बंडल सरकार को सौंप दिए जाएंगे, कर्मचारी लगातार वादाखिलाफी सहते आ रहे हैं। हमारी प्रमुख मांग नियमितीकरण है, जिसका वादा चुनाव से पहले सरकार ने किया था।

वहीं, दूसरी ओर अनियमित कर्मचारियों को अब भाजपा का समर्थन मिल गया है। इतना ही नहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने तो यहां तक ऐलान कर दिया है कि अगर भाजपा विधानसभा चुनाव में जीतकर आती है तो उनकी सरकार अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण करेगी। इसके साथ ही रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर अनियमित कर्मचारियों से वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है।

Aakash

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