मध्यप्रदेश

भोपाल उत्तर सीट का गणित : भाइयों के बीच कलह से कांग्रेस की लगेगी ‘लंका’ या BJP की लॉटरी?

भोपाल

 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में विधानसभा की सात सीटें हैं। इनमें से भोपाल उत्तर कई मायनों में खास है। सबसे अहम बात यह है कि यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट है। इस बार भाइयों के बीच झगड़े ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। वहीं, बीजेपी की तरफ से आलोक शर्मा यहां से प्रत्याशी हैं। हमारी  टीम ने जमीनी हालात को समझने के लिए स्थानीय लोगों से बात की है। आखिर भोपाल उत्तर में किसके पक्ष में इस बार हवा है।

दरअसल, भोपाल उत्तर सीट से आरिफ अकील 6 बार से विधायक हैं। सिर्फ 1993 में एक बार बीजेपी के रमेश शर्मा गुट्टू भैया ही जीत पाए थे। वहीं, 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। उनकी हार महज 4026 वोटों से हुई थी। 15 साल बाद फिर आलोक शर्मा मैदान में हैं। इस बार उनका सामना आरिफ अकील के मंझले बेटे आतिफ अकील से है।

कांग्रेस को कांग्रेसियों से ही चुनौती

भोपाल उत्तर मध्य प्रदेश की एकमात्र सीट है, जहां पर कई सालों बाद कांग्रेस को कांग्रेसियों से ही चुनौती है। विधायक आरिफ अकील के भाई आमिर अकील अपने भतीजे के विरोध में निर्दलीय मैदान में हैं। कांग्रेस से ही बागी हुए नासिर इस्लाम भी निर्दलीय मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां से पूर्व पार्षद मोहम्मद सऊद को टिकट दिया है। अब कांग्रेस के ही तीन बागी अधिकृत प्रत्याशी आतिफ के विरोध में मैदान में हैं, जबकि यहां से बीजेपी के प्रत्याशी आलोक शर्मा हैं। उनके लिए राह आसान हो रही है।

भारत टॉकीज के पास के मतदाता दीपेश जैन ने बताया कि इस बार पहली बार ऐसा हुआ है कि भोपाल उत्तर सीट का मुकाबला रोचक हो गया है। यहां पर अब कांग्रेस की लड़ाई अपने ही चार नेताओं के बीच होना हैं। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि जीत का उंट किस करवट बैठता है।

क्यों खास है भोपाल उत्तर सीट

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की एकमात्र भोपाल उत्तर सीट मुस्लिम बहुल सीट है। यहां पर आधी से अधिक आबादी मुस्लिम है, जबकि सिंधी वोटर्स की संख्या भी कम नहीं है। वहीं, इस सीट में पुराने भोपाल का बहुत ज्यादा हिस्सा है।

विधायक के नाम पर बस गया नगर

आरिफ अकील ने विधायक रहते हुए यहां पर कई लोगों को बसाया है। इसका परिणाम यह हुआ कि इस सीट में एक नगर बसा है जिसका नाम 'आरिफ नगर' रख दिया गया है। लोगों का आरोप है कि यहां पर अधिकांश अवैध अतिक्रमण है।

आरिफ अकील का टिकट क्यों कटा?

विधायक आरिफ अकील बहुत ज्यादा बीमार हैं। इसलिए उन्होंने अपने मंझले बेटे आतिफ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। कांग्रेस ने आतिफ को ही टिकट दिया है। कमाल की बात यह है कि आतिफ को जब उत्तराधिकारी बनाया जा रहा था, तभी मंच से विधायक के बड़े बेटे ने विरोध जताया था। वहीं, भाई आमिर भी विरोध में उतर गए थे।

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