राजनीति

फिर इसी लालकिले से…पीएम मोदी ने सेट कर दिया 2024 का अजेंडा, कांग्रेस पर सीधा निशाना

नई दिल्ली

77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी ने ना केवल सरकार की उपलब्धियां और लक्ष्य गिनाए बल्कि उन्होंने 2024 आम चुनाव का अजेंडा भी सेट कर दिया। उन्होंने कहा कि अगले साल 15 अगस्त के मौके पर मैं फिर एक बार यहीं से देश के संकल्प, सामर्थ्य और सफलता के परिणाम को प्रस्तुत करूंगा। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल बेहद अहम हैं ताकि 2047 में हम भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में देख सकें। वहीं प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण की बात करते हुए विपक्ष को निशाने पर लिया। उन्होंने यहां तक कहा कि परिवारवाद का दीमक देश को नोच रहा है। इससे मुक्ति की जरूरत है।

तीन बुराइयों का जिक्र कर विपक्ष पर निशाना
पीएम मोदी ने तीन बुराइयों को जिक्र कर विपक्ष पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा, कुछ विकृतियां हमारी समाज व्यवस्था में घुस गई हैं। कभी-कभी हम आंख बंद कर लेते हैं। अगर संकल्प सिद्ध करना है तो आंख में आंख मिलालकर तीन  बुराइयों से लड़ना समय की मांग है। भ्रष्टाचार ने दीमक की तरह सामर्थ्य को नोच लिया। भ्रष्टाचार से मुक्ति, इसके खिलाफ जंग। मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा परिवारवाद ने हमारे देश को नोच लिया। इसने देश के लोगों का हक छीना है। तुष्टीकरण ने भी देश के मूलभूत चिंतन को दाग लगा दिया। इसलिए  प्यारे परिवारजनों हमें इन तीन बुराइयों के खिलाफ सामर्थ्य के साथ लड़ना है। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण। यह एक गंदगी है। भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है। देश में जो दो लोग गलत फायदा उठाते थे उन्हें रोक दिया। ये 10 करोड़ वे लोग थे जिनका जन्म ही नहीं हुआ. उनके नाम पर फायदे लिए जाते थे। 10 करोड़ ऐसी बेनामी चीजें थीं।

'परिवारवाद' से कांग्रेस पर हमला?
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस का बिना नाम लेते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा,  हम भ्रष्टाचार के खिलाफ इमानदारी से लड़ रहे हैं। परिवारवाद और तुष्टीकरण ने देश का बड़ा नुकसान किया है। लोकतंत्र में यह कैसे हो सकता है कि कोई राजनीतिक दल, यह ऐसी विकृति है जो कभी भारत के लोकतंत्र को मजबूती नहीं देगी। परिवारवादी पार्टी। इनका मंत्र है, पार्टी फर द फैमिली, बाइ द फैमिली। उनका राजनीतिक परिवार का, परिवार द्वारा और परिवार के लिए। यह भाई भतीजावाद योग्यता के दुश्मन  है। इसलिए परिवारवाद से लोकतंत्र की मजबूती के लिए मुक्ति जरूरी है।

तुष्टीकरण ने समाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। देश विकास चाहता है। देश 2047 अगर विकसित भारत का सपना साकार करना चाहता है तो किसी भी हालत में देश में भ्रष्टाचार को सहन ना करें। प्यारे परिवारजनों, हमारा महत्वपूर्ण दायित्व है। आपने जैसी जिंदगी जी है, आने वाली पीढ़ी को भी ऐसी जिंदगी जीने के  लिए मजबूर करना अन्याय है।

फिर इसी लालकिले से…

पीएम मोदी ने कहा, 2014 में मैंने परिवर्तन का वादा किया और पूरा किया। 2019 में आप फिर से आशीर्वाद लिया। पर्फऑर्मेंस मुझे दोबारा ले आया। आने वाले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लालकिले से देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, संकल्प, उसकी सफलता के गौरव गान उससे भी अधिक आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा। मेरे परिवारजनों. मैं आपके बीच से निकला हूं। मैं आपके लिए जीता हूं। अगर सपना भी आता है तो आपके लिए आता है। मैं पसीना बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। मैं इसलिए कर रहा हूं कि आप मेरे परिवारजन हैं। आपके परिवार के सदस्य के नाते मैं आपके दुख को देख नहीं सकता। मैं आपके संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए आपका सेवक बने रहने का संकल्प लेकर चला इंसान हूं।

पीएम मोदी ने सुनाई कविता

उन्होंने कहा, हमारे पूर्वजों के सपने, आशीर्वाद हमारे साथ हैं। देशवासियों के लिए एक ऐसा अवसर आया है जो हमारे लिए संबल है। मेरे प्रिय देशवासियों, यह अमृतकाल का पहला साल है। मैं आपको पूरे विश्वास से कहता हूं।

जलता जलाता काल चक्र, अमृतकाल का भाल चक्र।

सबके सपने, अपने सपने।

पनपे सपने सारे।

धीर चले वीर चले चले युवा हमारे।

नीति सही, रीति नई, गति सही, राह नई।

चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम।

जिस मुद्दे पर हंगामा करता रहा विपक्ष, पीएम मोदी ने किया सबसे पहले जिक्र

पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत में ही मणिपुर का जिक्र किया और वहां के लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि पूरा देश आपके साथ खड़ा है। बता दें कि इस बार संसद के मानसून सत्र में विपक्ष इसी बात को लेकर हंगामा करता रहा. विपक्ष  का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी सदन में आकर मणिपुर पर जवाब दें। हालांकि पीएम मोदी ने लालकिले से इस मामले को प्राथमिकता देकर विपक्ष का एक बड़ा मुद्दा फेल कर दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में अब शांति है।

 

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