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विजय वर्मा को पेट्रोल पंप पर और कॉल सेंटर में काम करना पड़ा और सिम कार्ड तक बेचे

'किसी चीज को अगर शिद्दत से चाहो, तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है…' भले ही यह फिल्मी डायलॉग हो, लेकिन विजय वर्मा पर एकदम फिट बैठता है। विजय वर्मा ने 'गैंग ऑफ घोस्ट्स', 'पिंक' और 'मॉनसून शूटआउट' जैसी फिल्में कीं, पर उन्हें पहचान फिल्म 'गली बॉय' से मिली। और असली स्टारडम का स्वाद 'डार्लिंग्स' से चखा। इसके बाद से विजय वर्मा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आलम यह है कि अब हर फिल्ममेकर विजय वर्मा के साथ काम करना चाहता है। हाल ही उन्होंने करीना कपूर के साथ भी सीरीज की। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए विजय वर्मा को बहुत स्ट्रगल करना पड़ा।

विजय वर्मा के पास आज फिल्मों और वेब सीरीज के खूब ऑफर हैं। आज उनके परिवार को भी उन पर नाज होता है। लेकिन एक्टर बनने के इसी सपने के कारण विजय वर्मा का अपने पिता से रिश्ता खराब हो गया था। वह घर से भाग गए थे। इस बारे में विजय वर्मा ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था। विजय वर्मा ने बताया था कि उनके पिता ने उन्हें एक्टर बनने के लिए सपोर्ट नहीं किया। वह चाहते थे कि बेटा उनके बिजनेस में साथ आ जाए। इसी वजह से विजय वर्मा घर छोड़कर निकल आए थे।

नौकरी के लिए कोर्स किए, खूब ट्राई किया पर सफल नहीं हुए
हैदराबाद के रहने वाले विजय वर्मा का कोई फिल्मी कनेक्शन नहीं था। कोई गॉडफादर नहीं था। मन में एक्टर बनने की इच्छा थी, जिसे वह दबाए बैठे थे। ऊपर से पिता का फैमिली को बिजनेस को जॉइन करने का दबाव था। लेकिन विजय वर्मा बिजनेस नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने और तरह की नौकरियां करनी शुरू कर दीं। एक्टर ने बताया कि उन्होंने नौकरी पाने के लिए कुछ कोर्स किए, पर कामयाबी नहीं मिली।

पेट्रोल पंप पर पेट्रो कार्ड बेचे, सिम कार्ड भी बेचने पड़े
इसलिए विजय वर्मा पेट्रोल पंप पर काम करना पड़ा। एक्टर ने बताया था कि वह वहां पेट्रो कार्ड्स बेचने का काम करते थे। इसके अलावा उन्होंने सिम कार्ड भी बेचकर पैसे कमाए। बाद में वह कॉल सेंटर में नौकरी करने लगे, जहां उन्होंने तीन महीने तक काम किया। विजय वर्मा ने इवेंट मैनेजमेंट का भी कोर्स किया था और उसी फील्ड में काम भी किया। लेकिन विजय वर्मा को किसी भी काम या नौकरी में सफलता नहीं मिल रही थी। इस कारण एक्टर बेहद परेशान थे। वह एक्टिंग करना चाहते थे, पर तब इतना आत्मविश्वास नहीं था कि जिगर ठोककर उसमें जा सकें।

विजय वर्मा को ऐसे लगा था एक्टिंग का चस्का
विजय वर्मा को एक्टिंग का चस्का तब लगा, जब वह दोस्तों के साथ फिल्में देखते और उनके सीन्स की एक्टिंग करते। एक्टर ने बताया था कि उन्होंने हैदराबाद की एक बेकरी के लिए भी मॉडलिंग की थी। बाद में वह 'सूत्रधार' नाम के थिएटर स्कूल भी गए, पर वहां से भी रिजेक्ट कर दिए गए। बाद में विजय वर्मा ने चुपचाप FTII (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया) में गुपचुप अप्लाई कर दिया, और सिलेक्ट हो गए।

2008 में छोटे रोल से डेब्यू, आज ढेरों ऑफर
विजय वर्मा ने फिर 2008 में 'शोर' में छोटे से रोल से एक्टिंग डेब्यू किया। शुरुआत में वह फिल्मों में छोटे-मोटे और सपोर्टिंग किरदार करते रहे। लेकिन 'पिंक' और 'गली बॉय' जैसी फिल्मों ने उनकी किस्मत बदल दी। लेकिन 2022 में आई 'डार्लिंग्स' के बाद से विजय वर्मा को तगड़ा स्टारडम मिला और उनके करियर में चार चांद लग गए। हाल ही वह 'जाने जान' और 'लस्ट स्टोरीज 2' जैसी वेब सीरीज में दिखे। अब वह 'मर्डर मुबारक' और 'सूर्या 43' में नजर आएंगे। इस फिल्म से वह तमिल सिनेमा में कदम रख रहे हैं।

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